Crime - खौफनाक सौदा बस ये डील हो जाए, फिर सीधा गोवा निकल जाऊँगा

खौफनाक सौद


रात के अंधेरे में, मुंबई की एक सुनसान गली में अर्जुन अपनी गाड़ी में बैठा था। घड़ी रात के दो बजा रही थी, और उसके चेहरे पर पसीना था। उसने जेब से एक पिस्टल निकाली और गहरी सांस ली। आज उसका आखिरी काम था – एक ऐसा सौदा जिससे उसकी ज़िंदगी बदल सकती थी।

बस ये डील हो जाए, फिर सीधा गोवा निकल जाऊँगा!  अर्जुन बुदबुदाया।

अचानक एक काले रंग की SUV उसके सामने आकर रुकी। पीछे की सीट से एक आदमी उतरा – सफेद कुर्ते में, चेहरा डरावना और आँखें खून जैसी लाल। वह था "कालिया", अंडरवर्ल्ड का खतरनाक डॉन।

माल लाया?" कालिया ने ठंडी आवाज़ में पूछा।

अर्जुन ने बैग खोला, उसमें हीरे थे – करोड़ों के। कालिया ने बैग उठाया, और अपने आदमी को इशारा किया। तभी अर्जुन का दिल तेजी से धड़कने लगा। पीछे से एक बंदूक की नली उसकी गर्दन पर टिक गई।

"धोखा मत देना अर्जुन!"

अर्जुन समझ गया कि आज खेल खत्म हो सकता है। लेकिन उसने पहले से ही प्लान बना रखा था। अचानक, उसने जेब से स्मोक बम निकाला और ज़मीन पर पटक दिया। धुआँ फैलते ही वह झपटकर भागा।

पीछे से गोलियाँ चलीं, मगर अर्जुन पहले से बाइक तैयार रखे था। उसने स्पीड पकड़ ली और अंधेरे में गुम हो गया।

अगले दिन खबर आई – "कालिया गिरफ्तार! उसके गिरोह का पर्दाफाश!"

अर्जुन दूर कहीं बैठकर यह खबर देख रहा था, मुस्कुरा रहा था। अब वह फ्री था – लेकिन क्या सच में? क्योंकि मुंबई की सड़कों पर कभी कोई पूरी तरह आज़ाद नहीं होता...

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